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जिला स्तरीय फ्लोरोसिस स्वास्थ्य परीक्षण शिविर।

जिला स्तरीय फ्लोरोसिस स्वास्थ्य परीक्षण शिविर।     

    (तारिक खान)
  रायसेन की आवाज़

कलेक्टर के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एच. एन . माड्रे के मार्गदर्शन में विकासखंड बेगमगंज के फ्लोराइड प्रभावित ग्राम सुमेर, सुनहरा, वीरपुर, तुलसीपार एवं पांडाझिर  के प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों  में राष्ट्रीय फ्लोरोसिस निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया शिविर की टीम में डॉक्टर एमडी भारती जिला फ्लोरोसिस नोडल अधिकारी एवं विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ नितिन तोमर एवं राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम टीम के डॉक्टर बब्लू साहू के साथ संयुक्त रूप से टीम द्वारा बच्चों का फ्लोरोसिस परीक्षण किया गया  जिसमें कई बच्चे संभावित डेंटल फ्लोरोसिस से ग्रसित मिले जो बच्चे प्रभावित मिले उनका यूरीन सैंपल टेक्नीशियन डेनिस जार्ज के द्वारा लिया गया एवं जो बच्चे जिस स्रोत का पानी पी रहे हैं उनके पानी का सैंपल लिया गया जिनकी जांच जिला फ्लोरोसिस लैब जिला चिकित्सालय में की जाएगी साथ ही सभी संभावित डेंटल फ्लोरोसिस से प्रभावित बच्चों को चिन्हित कर लिया गया एवं आवश्यक उपचार के रूप में टीम द्वारा कैल्शियम विटामिन सी एवं मल्टीविटामिन की दवाइयां उपलब्ध कराई गई साथ ही डॉ भारती के द्वारा ग्रामीणों एवं स्कूल शिक्षकों तथा बच्चों को विस्तार से फ्लोरोसिस बीमारी के बारे में पेंपलेट पोस्टर के माध्यम से बताकर जागरूक किया एवं फ्लोरोसिस बीमारी से बचने के उपाय बताए गए जिसमें बताया गया कि दवाइयों के साथ-साथ अपने दैनिक जीवन में दूध दही एवं हरी सब्जियों का इस्तेमाल ज्यादा करें एवं पीने के पानी में 1 पीपीएम से ज्यादा फ्लोराइड वाले पानी का इस्तेमाल पीने में ना करें अगर आप 1पीपीएम से ज्यादा फ्लोराइड वाले पानी का इस्तेमाल पीने में करते हे व्यक्ति फ्लोरोसिस से ग्राशित हो सकता हे जिसमें तीन प्रकार के फ्लोरोसिस रोग हो सकते हे।
1-डेंटल फ्लोरोसिस- दांतों पर आड़ी लाइने दिखाई देना, दांतों में सफेद पीले धब्बे दिखाई देना, दांतों में भूरा तथा कालापन दिखाई देना, लक्षण समूह में दिखाई देना, अर्थात किसी एक दांत में न होकर दो या दो या दो से अधिक दांतों में दिखाई देना, दांतों एवं मसूड़ों के बीच की पकड़ कमजोर होना। 
2-स्केलटन फ्लोरोसिस- पैरों  की हड्डियों में कमजोरी तथा टेढापन, रीड की हड्डी में अकड़न तथा आगे की ओर झुकी हुई कड़ापन, जोड़ों  में अकड़न अथवा प्रचण्ड दर्द अथवा दोनों, कमर से नीचे अंतिम कूल्हे की हड्डी में प्रचण्ड दर्द, बच्चे बुढ़े की भांति दिखाई देना, गर्दन में अकड़न, स्थाई विकलांगता।
3-नॉन स्केलटन फ्लोरोसिस रोग - जब शरीर में निरंतर तथा लंबे समय से फ्लोराइड की मात्रा 5PPM से अधिक सेवन करने से शरीर के कोमल ऊतक, अंग तथा तंतु प्रभावित होते हैं ।
 इस मौके पर शिक्षक एवं ग्रामीण जनों के साथ स्वास्थ्य विभाग के सीएचओ एएनएम आंगनवाड़ी आशा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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