जिला अस्पताल रायसेन में लापरवाही चरम पर।
स्टाफ नदारद, परिजनों के भरोसे मरीज – बुजुर्ग महिला को बेटी ने व्हीलचेयर पर धकेला।
तारिक खान रायसेन।
रायसेन। जिला अस्पताल रायसेन में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और बदइंतज़ामी का आलम इस कदर है कि मरीजों को अस्पताल स्टाफ की बजाय परिजन खुद ही संभालने पर मजबूर हैं। गुरुवार देर रात का एक दृश्य इसका गवाह बना जब एक बुजुर्ग महिला मरीज को उनकी बेटी खुद ही व्हीलचेयर पर धकेलते हुए अस्पताल के अंदर ले जाती दिखीं।
अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों और एव उनके परिजनों ने बताया कि अस्पताल स्टाफ की ओर से न तो समय पर सहयोग मिलता है और न ही आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। व्हीलचेयर और स्ट्रेचर जैसी बुनियादी सुविधाएं भी अक्सर मरीजों को समय पर नहीं दी जातीं। नतीजतन गंभीर हालात में भी मरीजों को अपने परिजनों के सहारे अस्पताल के गलियारों में धकेला जाता है।
लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन के उदासीन रवैये के कारण मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का अमला केवल कागज़ों में सक्रिय दिखता है, ज़मीनी स्तर पर अव्यवस्था और लापरवाही ने जिला अस्पताल को बेहाल कर दिया है।
वही अन्य लोगो का कहना है कि अगर अस्पताल स्टाफ अपनी जिम्मेदारी निभाए तो मरीजों को इस तरह की परेशानी न उठानी पड़े। लेकिन वास्तविकता यह है कि नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय अक्सर अपने कर्तव्यों से नदारद रहते हैं।
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