थैलेसीमिया व सिकिलसेल पर नीमच में हुआ दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन।
रायसेन के दो युवा शशिकांत और अनुज हुए सम्मानित।
रायसेन। थैलेसीमिया जन जागरण समिति मप्र के द्वारा टाउन हाल दशहरा मैदान नीमच में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 13 और 14 सितम्बर को हुआ। जिसमें पहले दिन थैलेसीमिया की बीमारी को कैसे रोका जाए और जो पीड़ित हैं वह स्वंय और उनके परिजन उनकी किसी प्रकार से देखरेख करें, इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां देश के विभिन्न प्रदेश से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दीं। वहीं दूसरे दिन विभिन्न राज्यों व जिलों से आई सामाजिक संस्थाओं को थैलेसीमिया, सिकिलसेल और रक्तदान के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया। विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान बताया कि थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसे जागरूकता से रोका जा सकता है और इसके लिए सरकार, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, शासन-प्रशासन और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से चलाए जाने वाले जनजागरूकता अभियान के माध्यम से दुनिया में थैलेसीमिया व सिकिलसेल की बीमारी को आगे बढऩे से रोका जा सकता है। इसके लिए सबसे पहला कदम नव युवक व युवती के विवाह के पूर्व थैलेसीमिया की जांच को अनिवार्य करना होगा और वहीं गर्भधारण करने वाली महिला की थैलेसीमिया की जांच को भी जरूरी करने की नितांत आवश्यकता है, इन प्रयासों से दुनियों में थैलेसीमिया व सिकिलसेल से नए पीड़ित बच्चों को आने से रोका जा सकेगा।
कार्यक्रम में रायसेन के युवा समाजसेवी समय समय पर थैलेसीमिया एवं अन्य मरीजों को तत्परता से रक्त व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले शशिकांत सोनी (संजू) एवं उदयपुरा निवासी अनुज सक्सेना को थैलेसीमिया जनजागरण समिति द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने हेतु प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
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